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**1. मौसम तथा जलवायु के तत्वों के नाम:**
- तापमान
- आर्द्रता
- वायुदाब
- पवन
- वर्षा
- बादल
- सूर्य विकिरण
- वर्षा के प्रकार
**2. पशिचमी विक्षोभ:**
- इनकी उत्पत्ति भूमध्य सागर से होती है।
**3. आप्रवृष्टि:**
- अचानक और तीव्र वर्षा या बारिश होना।
**4. 'लौटते हुए मानसून':**
- मानसूनी पवन उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर प्रस्थान करने वाले चरण।
**5. क्वार की उमस:**
- मानसूनी ऋतु के बीच अनुभव होने वाली उच्च आर्द्रता और आर्द्रता।
**6. लू:**
- ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली तेज़ और गर्म हवाएँ।
**7. मानसून के 'फटने' या 'टूटने':**
- मानसूनी वर्षा में अचानक कमी या व्यवधान।
Solución
**1. मौसम तथा जलवायु के तत्वों के नाम लिखिए।**
मौसम और जलवायु को प्रभावित करने वाले प्रमुख तत्व निम्नलिखित हैं:
- **तापमान (Temperature):** हवा का गर्म या ठंडा होना।
- **आर्द्रता (Humidity):** वातावरण में पानी की मात्रा।
- **वायुदाब (Atmospheric Pressure):** हवा का दबाव।
- **पवन (Wind):** हवा की गति और दिशा।
- **वर्षा (Precipitation):** बारिश, बौछार, हिमपात आदि।
- **बादल (Clouds):** आकाश में इकट्ठा होने वाले जलवाष्प के कण।
- **सूर्य विकिरण (Solar Radiation):** सूर्य से आने वाली ऊर्जा।
- **वर्षा के प्रकार (Types of Rainfall):** जैसे मोंसून, शीतोष्ण, आदि।
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**2. पशिचमी विक्षोभ से क्या अभिप्राय है? इनकी उत्पत्ति किस सागर से होती है?**
**पश्चिमी विक्षोभ** एक मौसमीय घटना है जो मुख्यतः मध्य और पश्चिमी एशिया के क्षेत्रों से उत्तरी भारत में शीतकालीन माह में ठंडी वर्षा और हिमपात लाती है।
**उत्पत्ति:** पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर (Mediterranean Sea) क्षेत्र से उत्पन्न होते हैं। ये विक्षोभ ठंडी हवाओं के रूप में भारत के पश्चिमी भागों में प्रवेश करते हैं, जिससे तापमान में गिरावट और वर्षा होती है।
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**3. आप्रवृष्टि से क्या अभिप्राय है?**
**आप्रवृष्टि** का अर्थ है अचानक और तीव्र वर्षा या बारिश होना। यह अक्सर गर्मी के मौसम में, जब वातावरण अत्यधिक गर्म और अस्थिर होता है, तब तेजी से और असामान्य मात्र में होने वाली वर्षा को कहते हैं। आप्रवृष्टि के दौरान तेज़ बदरी, गरज और बिजली के साथ भारी वर्षा हो सकती है।
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**4. 'लौटते हुए मानसून' का क्या अर्थ है?**
**लौटते हुए मानसून** का तात्पर्य मानसून के उतरते चरण से है। जब मानसूनी पवन दक्षिण-पश्चिमी दिशा से धीरे-धीरे बदलकर उत्तर-पूर्वी दिशा की ओर प्रस्थान करने लगते हैं और मानसून का प्रभाव कम होने लगता है, तो इसे लौटते हुए मानसून कहा जाता है। इस प्रक्रिया में वर्षा में कमी और मौसम का सामान्य होना शुरू हो जाता है।
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**5. क्वार की उमस से क्या अभिप्राय है?**
**क्वार की उमस** से तात्पर्य वह उमस या आर्द्रता है जो मानसूनी ऋतु के बीच में अनुभव होती है। यह आमतौर पर मानसून के आने-जाने के बीच के समय में होती है, जब वातावरण में उच्च आर्द्रता और धूल के कारण उमस महसूस होती है। इस अवधि में मौसम अत्यधिक आर्द्र और कुंद होता है।
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**6. लू किसे कहते हैं?**
**लू** को ग्रीष्म ऋतु में चलने वाली तेज़ और गर्म हवाओं के रूप में जाना जाता है। विशेषकर उत्तर भारत में गर्मियों के महीनों (अप्रैल से जून) में लू प्रचलित होती है। लू की तेज हवा और उच्च तापमान से अत्यधिक गर्मी और आर्द्रता उत्पन्न होती है, जिससे लोगों को असहजता होती है और स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है।
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**7. मानसून के 'फटने' या 'टूटने' से क्या तात्पर्य है?**
**मानसून के 'फटने' या 'टूटने'** का तात्पर्य है मानसून की लगातार वर्षा में अचानक कमी या व्यवधान आ जाना। जब मानसूनी वर्षा अनियमित हो जाती है, बारिश बार-बार रुकती-चूकती रहती है, या अपेक्षिततानुसार नहीं होती है, तो इसे मानसून के टूटने या फटने के रूप में वर्णित किया जाता है। इससे सूखा पड़ सकता है, कृषि क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं और जल स्रोतों में कमी हो सकती है।
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