वाले राइका को चराई के 5. 6. भारत के कुछ चरवाहा कवीलों के नाम लिखिए। जानवर की 7. भारत में औपनिवेशिक सरकार ने अपराधी जाति अधिनियम क्यों पारित किया? सें के नाम 8. औपनिबेशिक सरकार द्वारा अफ्रीकी चरवाहों (मासाई चरवाहों) पर कौन से प्रतिबन्ध लगा दिये गये। 9. वन अधिनियमों ने भारतीय चरवाहों के जीवन पर किस प्रकार से प्रतिबन्ध लगाए?
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Beyond the Answer
भारत में दर्जनों चरवाहा कवीलों की एक समृद्ध परंपरा है, जो विभिन्न क्षेत्रों में पाई जाती है। उदाहरण के लिए, गुजरात के "सिरवी" समुदाय को उनके गायों के लिए जाना जाता है, जबकि राजस्थान के "गुर्जर" समुदाय भेड़ पालने में माहिर हैं। ये समुदाय न केवल अपने पशुओं की देखरेख करते हैं, बल्कि अपने सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोते हैं, जिसमें गीत, नृत्य और हस्तशिल्प शामिल हैं। औपनिवेशिक सरकार ने अपराधी जाति अधिनियम पारित किया क्योंकि वे भारतीय समाज में अपराध की बढ़ती प्रवृत्तियों को नियंत्रित करना चाहते थे। उनका मानना था कि कुछ समुदायों ने अपने पारंपरिक पेशों के चलते कानून का उल्लंघन किया है। इस अधिनियम ने नवजात आपराधिक नीतियों को जन्म दिया और कई समुदायों को संदेहास्पद मान लिया, जिससे उनकी आजीविका और सामाजिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।